ये कैसी शरारत उनके साथ हुई, वो भीगे भी न थीं, कैसे भी सही, कुछ तो शरारत उनकी पलकों के साथ हुई। कुछ गुमशुम से थे, कभी आईने के बात भी करने लगे, छुप-छुप के सबरते थे, किसी की नज़र न लगे। न जाने क्या बात हुई, जो उनके साथ हुई, लगता तो है मुलाकात हुई, लगता तो है इस वार कुछ खास हुई। -------------------------------------------------------------- अजय गंगवार 21-Apr-2021 7:30PM #ajayapril1991 #LyricsWikiBlog #MensajeDelAmor --------------------------------------------------------------
Ajay Gangwar Creation, Lyrics, Lyrics Wikipedia, Lyrics Wiki, Lyrics Wiki Blog, Lyric, Poetry, ajayapril1991, loveUzindgi