नाक में दम,
करके रख दी है तूने मेरी,
अब तो कोई जिस्म से भी दम निकाले,
फर्क नही पड़ता ।।
करके रख दी है तूने मेरी,
अब तो कोई जिस्म से भी दम निकाले,
फर्क नही पड़ता ।।
एक तुम ही काफी थे,
ज़िंदगी मे जहर घोलने के लिए,
अब तो कोई कहर भी ढाये,
फर्क नही पड़ता ।
ज़िंदगी मे जहर घोलने के लिए,
अब तो कोई कहर भी ढाये,
फर्क नही पड़ता ।
ह्म्म्म... सोचूँ तो तुम्हारी,
मोहब्बत, साथ, बात, ख़यालात...
.
.
.
अरे अरे... नहीं नहीं... लात नही,
अब इससे ज्यादा कोई कुछ भी करे
असर नही करता।।
मजे की बात तो ये है न,
ये लाइन Ladyfingers को काटते वक़्त लिखी गई।
ये लाइन Ladyfingers को काटते वक़्त लिखी गई।
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अजय गंगवार
21-Apr-2021 7:30PM
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