Lyrics Wiki Blog 16 : अच्छे नजारे देखने से हसरतें पैदा हो जाती हैं 'अजय', इनसे दूर रहने में ही समझदारी है...
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इंतज़ार करने जैसे खूबसूरत नज़ारे कहीं खो है,
खिड़कियाँ और रोशनदान तो गायब ही हो गए है,
जबसे तल-मंजिल वाले मकान इमारतों में तब्दील हो गए हैं।
खिड़कियों पर इंतज़ार करना, या
खिड़कियों पर उनका इंतज़ार करना,
अब मुश्किलें-न-मुमकिन सा हो गया है,
अब तो उनका मंजिला,
मेरी तल-मंजिल से बहुत ऊँचा हो गया है।
ज़रा यहाँ आओ न,
कुछ दिखाना है, आपको,
देखो न... खुला आसमान है,
नीचे ज़मीन है,
कितना अच्छा नज़ारा है।
अच्छे नजारे देखने से हसरतें पैदा हो जाती हैं 'अजय',
इसलिए, इनसे दूर रहने में ही समझदारी है,
जितना देखोगे, उतना ललचाओगे,
और वहां से कोई समुन्दर नहीं दिखने वाला।
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अजय गंगवार
१३-मई-२०२० १:१५ पूर्वाह्न
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