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Lyrics Wiki Blog 7 : चंद कलियाँ नशात की चुन कर, मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ। - साहिर लुधियानवी

|| रद्दे-अमल || साहिर लुधियानवी ||
 

चंद कलियाँ नशात की चुन कर,
मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ। 

तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही,
तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ।
 

#नशात = खुशियाँ
#महव-ए-यास = दुखों में खोय